दावींनाथ महाराज, धूणी पंजैल, ब्यासपुर (बिलासपुर) हिमाचल प्रदेश व्यासपीठ राजघाट नम्होल से सिकरोहा की ओर जाते हुए थोड़ी दूरी पर पांडव मन्दिर तथा पांडव मन्दिर से आगे चलकर जोड़ नामक स्थान (जोड़ेश्वर महादेव) आता है। इस स्थान से लगभग 3 किलोमीटर आगे चलकर त्रिवेणी घाट और यहाँ से लगभग 4
त्रिवेणी घाट, नम्होल, ब्यासपुर (बिलासपुर), हिमाचल प्रदेश मनाली या धर्मशाला से शिमला की ओर जाते हुए नम्होल नामक स्थान पर स्थित व्यासपीठ राजघाट से सिकरोहा की तरफ जाते हुए 1.5 किलोमीटर की दूरी पर पांडव मन्दिर आता है, उसके बाद 3 किलोमीटर दूरी पर जोड़ेश्वर महादेव देवस्थल आता है। यहाँ से
जोड़ेश्वर महादेव, गाँव साई, नम्होल, ब्यासपुर(बिलासपुर), हिमाचल प्रदेश व्यासपीठ राजघाट नम्होल से सिकरोहा की ओर जाते हुए लगभग 1 किलोमीटर आगे पांडव मन्दिर है। पांडव मन्दिर से 2 किलोमीटर आगे जाकर प्रकृति की गोद में बसा जोड़ नामक स्थान आता है। इस स्थान पर भगवान शिव की बहुत सुंदर प्रतिमा
पांडव मन्दिर, गाँव साई, नम्होल, ब्यासपुर (बिलासपुर) हिमाचल प्रदेश धर्मशाला या मनाली से शिमला की ओर जाते हुए व्यासपीठ राजघाट नम्होल से लगभग 1 किलोमीटर आगे बायीं तरफ से सिकरोहा की ओर एक सड़क मार्ग जाता है। इस मार्ग पर लगभग 1 किलोमीटर आगे चलकर साई गांव पड़ता है। जहाँ
व्यासपीठ राजघाट, नम्होल, ब्यासपुर (बिलासपुर), हिमाचल प्रदेश हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला (प्राचीन नाम ब्यासपुर) में मनाली से शिमला (NH-3) या धर्मशाला से शिमला (NH-88) की ओर जाने वाले रोड पर नम्होल नामक स्थान है। नम्होल के मुख्य चौक से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर राजघाट नामक स्थान है।
सम्पूर्ण विश्व कोरोना महामारी से लड़ रहा है। भारत की उन्नत ज्ञान परम्परा और आयुर्वेद एक बार पुनः मानव कल्याण हेतु अग्रणी भूमिका निभाता हुआ प्रतीत हो रहा है। जहाँ पूरी दुनिया रुकी अथवा ठहरी प्रतीत हुई वहीं भारत आगे बढ़ता हुआ दिखा, कारण एक ही है भारत की सनातनी
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण जब सरकार ने भारत में भी “लॉकडाउन” किया था उस समय घर में बैठे बैठे समय कैसे व्यतीत हो इसकी व्यवस्था भी सरकार ने अपनी तरफ से की थी। दूरदर्शन पर अनेक कार्यक्रम चलाये गए, और सबसे अच्छा प्रयोग था रामायण और महाभारत को पुनः
Shree Naina Devi Ji is the Kuldevi of millions of Hindus throughout the globe. Shree Naina Devi Temple is located on the top of a hill that comes under the Sivalik Range of Mountains at an altitude of about 1200 meters above sea level in district Bilaspur, Himachal Pradesh. It