दंभो दर्पोभिमानश्च क्रोध: पारुष्यमेव च। अज्ञानं चाभिजातस्य पार्थ संपदामासुरीम्।।१।। (अध्याय 16, श्लोक 4) पाखंड, घमंड, अभिमान, क्रोध, कठोर वाणी और अज्ञान- इनसे मनुष्य को दूर रहना चाहिए। सदगुणों को अपने जीवन में उतारना चाहिए जिससे जीवन में परम शांति का अनुभव होता है। नैनं छिद्रन्ति शस्त्राणि नैनं दहति
*आइये जानते हैं- मुनगा,सहजन,यानी ड्रमस्टिक के आश्चर्यजनक फायदे,बढ़ाएगा आपकी जनन क्षमता* पुरुषों में शक्ति को बढ़ाने के लिए भी सहजन के फूलों का सेवन किया जा सकता है. फूलों के सेवन से थकान और कमज़ोरी दूर होगी और शक्ति का विकास होगा. साथ ही यह महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद
योगस्थ: कुरु कर्माणि संग त्यक्तवा धनंजय। सिद्धय-सिद्धयो: समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते।। हे धनंजय (अर्जुन)। कर्म न करने का आग्रह त्यागकर, यश-अपयश के विषय में समबुद्धि होकर योगयुक्त होकर, कर्म कर, (क्योंकि) समत्व को ही योग कहते हैं। समता ही योग है। यही इस श्लोकांश का अर्थ है। भगवान् कहते
‘गुरू‘ शब्द संस्कृत भाषा का शब्द है। पारमार्थिक और सांसारिक ज्ञान देने वाले व्यक्ति को गुरू कहा जाता है। माता पिता हमारे प्रथम गुरु होते हैं जो हमे इस संसार मे लाते हैं और हमे जीवन की राह में चलना सिखाते है, और तत्त्पश्चात हमारे माता पिता के साथ साथ
APPEAL – APPEAL – APPEAL Shaheed Bhagat Singh Youth Society and Foundation is a social and patriotic social institution. In the era of this corona epidemic, the foundation is providing food, medicines, food items, and private vehicles like ambulance to the society. Shaheed Bhagat Singh
WRITTEN BY DR. PANKAJ SHARMA | PHD, MPHIL NIS COACH | SHAHDOL, MP, INDIA This temple is called Virat Mandir. It is said that the great city which is described during the unknown exile of the Pandavas in the Mahabharata is this Virat Nagar. The emperor of this place
HALDIGHATI YUDH Have you ever read what happened in Mewar in the next 10 years after Haldighati. The pages that have been removed from history have to be compiled back because they are the symbols of Hindu resistance and valor. It is not even taught
पुनर्जन्म- सत्य या मिथ सर्वप्रथम हमे इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि पुनर्जन्म की सत्यता किस प्रकार के व्यक्ति के समक्ष,और कैसे व्यक्ति को करना चाहिए या संपादित करना चाहिए….? ।। तत्र बुद्धिमान्नास्तिक्यबुद्धिं जह्याद् विचिकित्सां च ।। अर्थ- पुनर्जन्म का विचार करना हो तो सर्वप्रथम बुद्धिमान पुरुष के
श्री मद्भगवत गीता और श्री हरि के बैद्धिक व मानसिक प्रेरणा के आधार पर व्यक्ति अपने जीवन मे कैसे सफल हो सकता है, इस जीवन को सफलतम बनाने हेतु सफल जीवन के मंत्र 1- विहाय कामान् य: कर्वान्पुमांश्चरति निस्पृह:। निर्ममो निरहंकार स शांतिमधिगच्छति।। भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि जो
IMPORTANCE & BENEFITS OF THE CONCH In Hinduism, playing conch shell on the occasion of every Manglik work is considered very holy and auspicious. Along with this, there are many scientific benefits too, which are attained spontaneously by a conch shell player. If the day starts with the